कट-ऑफ रैंक क्या है? (What is Cut-Off Rank?)
कट-ऑफ रैंक वह अंतिम रैंक होती है जिस पर किसी विशेष कॉलेज के किसी विशेष पाठ्यक्रम में किसी छात्र को प्रवेश मिलता है। यह हर साल छात्रों की संख्या, परीक्षा की कठिनाई स्तर और सीटों की उपलब्धता जैसे कारकों के आधार पर बदलता रहता है। छात्र अक्सर पिछले वर्षों के कट-ऑफ रैंक का विश्लेषण करते हैं ताकि वे यह अनुमान लगा सकें कि उन्हें किसी विशेष कॉलेज में प्रवेश मिलने की कितनी संभावना है।
यह कैलकुलेटर कैसे काम करता है? (How does this calculator work?)
यह कैलकुलेटर एक सरल रैखिक एक्सट्रपलेशन विधि का उपयोग करता है, जो पिछले वर्षों के रुझानों पर आधारित है। यह मानता है कि कट-ऑफ में परिवर्तन की दर स्थिर रहेगी।
अनुमानित कट-ऑफ = अंतिम वर्ष की क्लोजिंग रैंक + (अंतिम वर्ष की क्लोजिंग रैंक - अंतिम वर्ष की ओपनिंग रैंक) * एक निश्चित कारक
यह एक बहुत ही सरल मॉडल है और केवल एक मोटा अनुमान प्रदान करता है। वास्तविक कट-ऑफ कई अन्य कारकों पर निर्भर करेगा।
कट-ऑफ रैंक को क्या प्रभावित करता है? (What affects the Cut-Off Rank?)
- परीक्षा का कठिनाई स्तर: यदि परीक्षा कठिन है, तो कट-ऑफ कम हो सकता है।
- आवेदकों की संख्या: अधिक आवेदकों का मतलब आमतौर पर उच्च कट-ऑफ होता है।
- उपलब्ध सीटें: यदि सीटें बढ़ जाती हैं, तो कट-ऑफ कम हो सकता है।
- आरक्षण नीतियां: विभिन्न श्रेणियों (जैसे सामान्य, ओबीसी, एससी/एसटी) के लिए कट-ऑफ अलग-अलग होते हैं।